अब तक आपने पढ़ा:
घनश्याम को नौकरी मिल गई थी और घर पर सबने उसको बधाई दी। घनश्याम मंदिर जाने के लिए तैयार हो रहा था।
अब आगे:
घनश्याम मंदिर जाने के लिए तैयार हुआ और घर से निकला।
घर से निकलते ही उसे रोहन मिला।
ये क्या, अब ये कौन है। चलिए बताता हूं।
रोहन, घनश्याम का पड़ोसी है। दो साल पहले यहां शिफ्ट हुआ था। तब से रोहन और घनश्याम के बीच बहुत अच्छी बनती थी। रोहन और घनश्याम एक दूसरे से इतने घुले मिले हुए थे कि कभी कबार तो मोहल्ले वाले भी उन्हें सगा भाई समझने की भूल कर बैठते थे।
रोहन पेशे से एक शिक्षक है और घर पर ट्यूशन पढ़ाकर घर का गुजारा करता है। रोहन की उम्र तकरीबन 21 साल है। रोहन एक जिंदादिल इंसान है और वह किसी के बारे में जो भी सोचता है वह बात उसके मुंह पर बोल देता है।
रोहन पर ज्यादा निबंध ना लिखते हुए फ्लैशबैक में हुआ एक वाकिया देख लेते हैं, जो कि आगे की कहानी को समझने के काम आयेगा।
दो महीने पहले जब घनश्याम के पिताजी की कार एक्सिडेंट में मौत हुई थी, तब घनश्याम पूरी तरह से टूट चुका था। पिता के गुजर जाने का ग़म, और ऊपर से घर की जिम्मेदारी ने उसे काफी डिप्रेस कर दिया। तब घनश्याम और उसके परिवार को रोहन ने संभाला। कुछ दिन निकलने के बाद घनश्याम ने रोहन को बोला, “दोस्त, तुम्हारा बहुत बहुत शुक्रिया। तुमने मुझे और परिवार को इतनी अच्छी तरह संभाला।”
“अरे यार इसमें शुक्रिया कैसा? ये तो मेरा फ़र्ज़ था।” रोहन बोला।
“फिर भी यार, तुमने बहुत मदद की। वरना मैं तो खुद को भी नहीं सम्भाल पाता।” घनश्याम बोला।
“हां वो तो ठीक है, पर तुम्हें इसके लिए मेरा शुक्रगुजार होने की जरूरत नहीं है।” रोहन बोला।
“अच्छा ठीक है।” घनश्याम बोला।
“हम्म” रोहन बोला।
“रोहन.. मैं एक बात सोच सोच कर बड़ा परेशान हो रहा हूं।” घनश्याम बोला।
“और वो बात क्या है?” रोहन ने पूछा।
“मुझे ये बिल्कुल भी समझ नहीं आ रहा अब घर खर्च कैसे चलेगा। अभी के लिए तो पापा ने जो बीमा करवा रखा था, उसके 1 लाख रुपए पड़े हैं, पर उसके बाद क्या होगा?” घनश्याम बोला।
“इसमें इतनी चिंता वाली कोई बात नहीं है। तुम उन 1 लाख रुपए से काफी अच्छा बिजनेस शुरू कर सकते हो।” रोहन बोला।
“ना बाबा ना! मैं कोई बिजनेस नहीं शुरू करने वाला।” घनश्याम बोला।
“पर क्यूं?” रोहन बोला।
“नुकसान होने का बहुत खतरा होता है।” घनश्याम बोला।
“तो क्या हुआ? मुझे भरोसा है तुम बहुत अच्छे से मैनेज कर सकते हो।” रोहन बोला।
“नहीं, मैं कोई बिजनेस नहीं करने वाला।” घनश्याम बोला।
“तो फिर क्या करने का इरादा है?” रोहन ने पूछा।
“जब तक मुझे कोई जॉब नहीं मिल जाती तब तक के लिए मेरे पास 1 लाख रुपए हैं। और मुझे पूरा भरोसा है मुझे जल्दी ही कोई अच्छी नौकरी मिल जाएगी।” घनश्याम बोला।
“अच्छा भई, जैसी तुम्हारी मर्जी, पर मैं तो तुम्हें कोई बिजनेस शुरू करने की सलाह ही दूंगा। क्यूंकि जहां तक मैं तुम्हें समझता हूं तुम बिजनेस में काफी सफल हो सकते हो।” रोहन बोला।
“मैं तुम्हारी सलाह की कद्र करता हूं। पर मैं तुम्हें नौकरी करके भी सफल होकर दिखाऊंगा।” घनश्याम बोला।
तो दोस्तों फ्लैशबैक से बाहर आते हैं और वापस घनश्याम के पास चलते हैं।
घनश्याम मंदिर जाने के लिए घर से निकला। घर से निकलते ही उसे रोहन मिला।
“अरे घनश्याम, सुबह सुबह किस तरफ चल दिए?” रोहन ने पूछा।
“मंदिर जा रहा था। तुम किधर से आ रहे हो?” घनश्याम बोला।
“जॉगिंग करके आ रहा था। पर तुम पहले तो कभी इस वक़्त मंदिर नहीं गए, आज कुछ खास है क्या?” रोहन बोला।
“अरे हां, तुम्हें तो पता ही नहीं होगा।” घनश्याम बोला।
“बताओगे तभी तो पता होगा।” रोहन बात काटते हुए बोला।
“हां बता रहा हूं। मुझे सनराइज ट्रैवल्स से अभी थोड़ी देर पहले फोन आया और उन्होंने…” घनश्याम बोला।
रोहन फिर से बात काटते हुए बोला, “ये तो वही कम्पनी है ना जिसमें तुमने पिछले हफ्ते इंटरव्यू दिया था।”
घनश्याम बोला, “हां, और मुझे इस कम्पनी में नौकरी मिल गई है।”
“अरे वाह, बधाई हो घनश्याम, इस बात पर तो सेलिब्रेशन बनता है। वैसे पोस्ट क्या है और सैलरी कितनी है?” रोहन बोला।
“अकाउंट्स मैनेजर की पोस्ट है, सैलरी आठ हजार है।” घनश्याम ने जवाब दिया।
“दोस्त मैं तो आज भी तुम्हें बिजनेस करने की सलाह दूंगा।” रोहन बोला।
“क्यूं जॉब में क्या प्रॉब्लम है?” घनश्याम बोला।
“प्रॉब्लम कुछ नहीं है, पर सोचो, जॉब में तुम लिमिटेड कमा सकते हो और बिजनेस में अनलिमिटेड।” रोहन ने जवाब दिया।
“मुझे कुछ नहीं सोचना। अच्छा ठीक है, मैं मंदिर के लिए जा रहा हूं। तुम भी चलोगे?” घनश्याम बोला।
“नहीं मैं नहाया नहीं हूं। तुम जाओ।” रोहन बोला।
“अच्छा फिर मिलते हैं” कहकर घनश्याम मंदिर चला गया।
कहानी जारी रहेगी…
दोस्तों क्या लगता है क्या होने वाला है इस कहानी में ? और कहानी के शीर्षक के जैसा तो कुछ भी नहीं है, सब कुछ सही चल रहा है। जरा सब्र रखिए कहानी में बहुत से टेढ़े मेढ़े मोड़ आने वाले हैं।
अगर आपने मेरी पिछली कहानी “Crime Partner” (Hindi) अब तक नहीं पढ़ी तो जल्दी जाकर पढ़िए CrazyWordSmith.com पर।
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