कशिश आज का सारा तनाव कुछ हद तक उतर चुकी थी ऋषि की बातों का असर कशिश पर हो रहा था पर अचानक से हुए इस वाकये से उबर नहीं पा रही थी घर पर वह पहुंची तो अर्जून ने कशिश के हंसते हुए चेहरे के पीछे उदासी को पहचान लिया आखिर वह भी तो बड़ा भाई था बचपन से ही कशिश की हर मुश्किल को मारता हुआ आया था कसीदे हाथ पैर तोड़ खाना खाने डायनिंग टेबल प्राइस तो अर्जुन ने बड़े ही प्यार से डाइनिंग टेबल पर कशिश को बिठाया और खाना परोस कर कशिश को खाना खाने को बोला तो कशिश ने कहा भैया आज भुख नहीं है
और सुनने के बाद अर्जुन बोला- कशिश से पूछा की कशिश आज उदास लग रही हो क्या हुआ
“नहीं भैया कुछ नहीं”- कशिश ने उदासी छुपाते हुए कहा
कशिश मैं तुम्हारा भाई हूं बचपन से तुम्हें देखकर समझता हूं मुझे बताओ क्या बात हुई है बताने पर ही तो हर मुश्किल का हल निकालेगा – अर्जुन ने पूछा
भैया आज वो! मेरी वो! नौकरी… इतना कहते ही कशिश रो पड़ी आज जो दर्द सीने में दबाए बैठी थी सारी अर्जुन के सामने रोते हुए बता बेठी
अर्जुन ने भी कशिश के सर को अपने कंधे पर रखते हुए सांत्वना दी और कहने लगा बस इतनी सी बात नौकरी गई हैं कल और आज आ जाएगी इतनी छोटी-छोटी बातों पर रोते थोड़ी हैं चलो यह आशु मोतियों के समान हैं उन्हें यह बेकार मत बहाऔ
तुम्हें पता है आज मैंने तुम्हारी फेवरेट डिश मुझे पता है कि तुम्हें कितनी पसंद है
कशिश ने खुद को संभाला और अर्जुन को गले से लगा लिया और बोली थैंक्यू गोड अर्जुन जैसा भाई देने के लिए
कशिश ने बड़े प्यार से अर्जुन की बनाई डिश खाई और सोने चली गई और उसे नींद कहां आ रही थी उसे अब भविष्य की चिंता हो रही थी
अपने सपने को इतनी आसानी से छोड़ दे उन लोगों में कशिश कहां थी
पर अब कशिश अपनी वर्किंग लाइफ से दूर होकर अपने मां के कातीलो को ढूंढने और उन को सख्त से सख्त सजा दिलाने की और काम करने लगी साथ ही वह अपना कुछ नया करने का मन भी बना रही थी
इन सब के बारे में सोचते सोचते हो वह कब सो गई उसे पता ही नहीं चला
अर्जुन ने कशिश के रूम में कशिश को यू लेटे देखा तो उसके हाथों से डायरी टेबल पर रखी है और उसे आराम से सुला वापस अपने कमरे की ओर चल पड़ा
तभी उसे कशिश की डायरी मैं मां के कातिलों के बारे जानकारी इकट्ठा करने की बातों को पढ़ा
उसे डर लग रहा था कि जो घटना उसकी मां के साथ हुई है कहीं कशिश के साथ नहीं हो जाए इसलिए अर्जुन सोचा कि वह कशिश को सुबह इस बारे में बात करेगा
अर्जुन अब सुबह का इंतजार करने लगा क्योंकि वह अपने परिवार मैं ऐसे किसी और को खोना नहीं चाहता था..