कशिश हॉस्पिटल के कैंटीन में बेठी ऋषि का इंतजार कर रही थी
ऋषि के आते ही कहा-सॉरी कशिश तुम्हें इंतजार करवाया
कशिश बोली फ्री तो मैं हूं तुम तो काम वाली हो बिजी रहते हो सच्ची ऋषिजब से मेरी जॉब गई है तुम्हारी लाइफ में मेरी इंपोर्टेंस कम हो गई है पर मैं बहुत हिम्मत वाली इस वक्त पछाड़ दूंगी इतना कहते ही कशिश रोने लगी
ऋषि ने कशिश को काफी मनाने की कोशिश की पर सब बेकार
कशिश हम अम्मा के पास चलें तुम्हें और हिम्मत की जरूरत है
इतना कहते ही ऋषि ने कशिश का हाथ पकड़ा और प्यार से कहा जब तक तुम्हारे साथ हूं चाहे ना रहूं मेरी लाइफ में तुम्हारी इंपॉर्टेंस हमेशा अच्छी ही रहेगी कभी कम नहीं होगी आई लव यू कशिश
कशिश अब ऋषि के साथ उस अम्मा के पास जाने को तैयार हो चुकी थी
ऋषि ने कशिश के लिए पहले उसकी तरफ का गाड़ी का गेट खोला और कशिश को पहले बी
बिठाया फिर भी खुद बैठ निकल पड़ा में अम्मा के ढाबे की और
वहां जाकर अम्मा के पास तीन दही भल्ले की प्लेट का आर्डर दिया और टेबल पर बैठ गए
अम्मा 3 प्लेट लाकर टेबल पर रखी और पूछा ऋषि बेटा तुम तो दो ही हो यह तीसरी प्लेट किसके लिए तो ऋषि ने तपाक से कहा आपके लिए
अम्मा को कुछ समझ नहीं आया तो ऋषि फिर बोला अम्मा हमें तुम्हारी एक मदद चाहिए थी क्या तुम करोगी
तो अम्मा ने कहा बोलो बेटा
ऋषि ने अम्मा को सारी बात बताई और बोला अब हमें अर्जुन के मन का डर निकालना है इसके लिए आईडिया चाहिए
तो मैंने कहा मैं एक ऐसे एजेंट को जानती हूं जो है काम कर सकता है तुम्हें बस उस घटना की सारी डिटेल लाकर उस एजेंट को देनी होगी
वह दिन की अर्जुन के मन के डर को निकाल देगा और प्राइवेट रूप से ऑस्ट्रेलिया ले जाकर वहां की पुलिस को अर्जुन का बयान भी लिखवा देगा
फिर पुलिस के लोग भी उन लोगों से नहीं मिल पाएंगे जो अर्जुन को धमका रहे हैं
अगर तुम्हें मुझ पर भरोसा है तो एक ऐसे एजेंट को मैं जानती हूं और उसने ब्योमकेश बक्शी की तरह काम किया है वह तुम्हारे लिए परफेक्ट रहेगा
ऋषि ने इसलिए हां कर दी क्योंकि उन्हें अम्मा पर पूरा भरोसा था
ऋषि नेम कहां अम्मा जी हम कल शाम को यहीं बैठ कर उसे जिनको सारी कहानी बता देंगे
ठीक बेटा-अम्मा ने सर हिलाया
कशिश और ऋषि से वापस लौट रहे थे तो किसी ने पूछा किसी तुम्हें अम्मा पर इतना भरोसा कैसे हैं थोड़ी सी ने कहा कि अम्मा रो एजेंट रह चुकी हैं फिर 40 साल की थी तब अम्मा ने अपने पति के संग चैन की जिंदगी बिताने का फैसला किया और यहां आ गई एक बार मैंने रो के लिए भी तैयारी कर रहा था तो अम्मा ने मुझे यह बात बताई थी
मैं रो में तो सिलेक्ट नहीं हो पाया पर नीट में सिलेक्शन होकर डॉक्टर जरूर बन गया
कशिश नहीं कर पहुंच सारी जानकारी इकट्ठा करने लगी ताकि कोई सबूत भी थे ना रहे इसके लिए कशिश ने और फिर पुलिस से भी बात की हो अब तक की जांच की रिपोर्ट भी मेल करवा ली कैसी सिंह घटना की पूरी फाइल बनाई उसे यह सब करते हुए अगले दिन कि दोपहर हो चुकी थी
पूरी रात बैठकर फाइल बनाने मैं जूटी कशिश को अब नींद आ रही थी
तो किसी ने किसी को फोन किया और कहा कि मुझे 7:00 बजे लेने आ जाना अब मैं सो रही हूं
ऋषि ने ओके कहा किसी से नहीं सिर्फ किसी का नंबर ही ऑन रखा और बाकी नंबर ऑफ कर के सो गई सोने से पहले उसने वह फाइल अपने लॉकर में रख दी थी
पूरी रात की नींद नहीं लेने के कारण कशिश बेड पर गिरते ही सो गई अपनी सारी चिंताओं को भूल कर……