अब तक आपने पढ़ा:
कार स्टार्ट हो चुकी थी पर रूही का कोई पता नहीं लग पा रहा था। आरव का दिमाग रूही को छोड़कर जाने के लिए नहीं मान रहा था।
अब आगे:
ये तीनों ये डिसाइड नहीं कर पा रहे थे कि रूही के लिए रुका जाए या नहीं कि कार के सामने एक लड़की दिखाई दी।
यश बोला, “ये पक्का वही भूतनी होगी। तुम गाड़ी मत रोकना।”
आरव बोला, “चाहे कोई भी हो पर ऐसे उड़ा तो नहीं सकते।”
सागर बोला, “हॉर्न बजा, शायद साइड हट जाए।”
आरव ने चार पांच बार हॉर्न बजाया पर वो लड़की अपनी जगह से एक इंच भी नहीं हिली। “बिल्कुल भी ब्रेक मत लगाना। इसके हाव भाव से ये चुड़ैल लग रही है।” यश बोला।
आरव ने जोर से ब्रेक लगाया। पर तब तक देर हो चुकी थी। वो लड़की कार से टकरा गई। आरव “शिट!” बोलते हुए गाड़ी से बाहर निकला और बाहर निकलते ही देखा वहां कोई भी नहीं है। वह घबराया हुआ फिर से गाड़ी में बैठ गया।
“कोई बात नहीं अगर वो मर गई तो… हम में से कोई कुछ नहीं बोलेगा।” सागर बोला।
“वहां कोई नहीं है।” आरव डरी हुई आवाज में बोला।
“क्या?? देखा सच में वो चुड़ैल ही थी। मैनें कहा था ना तुम्हें।” यश बोला।
“अब सोच क्या रहे हो फटाफट कार स्टार्ट करो। निकलो यहां से जितना जल्दी हो सके।” सागर बोला।
आरव ने चाबी घुमाई गाड़ी स्टार्ट होकर वापस बन्द हो गई। उसने फिर से कार को स्टार्ट किया मगर इस बार कार स्टार्ट ही नहीं हुई।
“ये काम पक्का उसी भूत का है। पर ये हमारे पीछे ही क्यों पड़ा है।” सागर बोला।
“भूत नहीं… भूतनी है वो। मैनें देखा था उसे।” यश डरी हुई से आवाज में बोला।
आरव ने फिर कोशिश की कार स्टार्ट करने की। पर उस रहस्यमयी ताकत के सामने आरव की क्या चलती। किसी को कुछ नहीं सूझ रहा था कि क्या करे। तभी एक औरत के गाना गुनगुनाने की आवाज उनके कानों में पड़ने लगी। साथ में किसी के उनके तरफ चले आने की तेज आहट की गूंज सभी को सुनाई देने लगी। अभी डर का माहौल दुगुना हो गया। सब नीचे की तरफ होकर छुप गए। किसी में भी इतनी हिम्मत नहीं थी कि वे बाहर झांककर देख ले।
यश बड़बड़ाया, “मुझे बहुत तेज सूसू लगी है।”
सागर बोला, “ऐसे माहौल में..”
यश बोला, “डर के माहौल में ही आएगी ना!”
सागर बोला, “सुन तो ले पहले। ऐसे माहौल में बाहर कैसे जाएं?”
आरव बोला, “तुम दोनों क्या खुसर फुसर कर रहे हो?”
सागर बोला, “कुछ नहीं, इसे बाथरूम जाना है।”
आरव बोला, “ये पहले रोक लेता तो रूही गायब ना होती। और शायद अब तक अपने इस जंगल से निकल चुके होते।”
सागर बोला, “मतलब अब तू रूही की वजह से रुका था ना कि उस लड़की की वजह से?”
आरव बोला, “मुझे डर लगा कि कहीं ये लड़की जिसको मैं उड़ाने जा रहा हूं, कहीं रूही तो नहीं। इसलिए ब्रेक लगाए। वरना इस माहौल में मैं रुकने वाला कहां था।”
इतने में यश बोला, “अब मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा। कोई मेरे साथ चलो।”
आरव बोला, “अपने कोई रिस्क नहीं ले सकते। तीनों बाहर चलते हैं।”
जैसे ही तीनों गाड़ी से उतरे एक बार फिर इनके कानों में किसी औरत के गाना गुनगुनाने की आवाज पड़ने लगी।
आरव चिल्लाया, “कौन है?” तो डर के मारे सागर ने आरव के मुंह पर हाथ रख दिया और बिल्कुल धीमे स्वर में बोला, “क्यूं चुड़ैल को जबरदस्ती यहां बुला रहा है?”
गाना गुनगुनाने की आवाज के साथ लगातार इस तरह की आहट भी महसूस हो रही थी जैसे कोई इनकी तरफ आ रहा हो। पर चारों तरफ देखने पर कुछ भी ऐसा नहीं लग रहा था कि कोई इनकी तरफ आ रहा है। जहां तक ये देख पा रहे थे इन्हें किसी व्यक्ति के होने का आभास तक भी नहीं था। कुल मिलाकर जो ये देख रहे थे और जो सुन रहे थे उसमें दिन रात का फर्क था।
उसी वक्त यश को महसूस हुआ कि रूही ने उसको आवाज दी है। उसे यकीन नहीं हुआ तो उसने इग्नोर कर दिया। अगले पल फिर उसे लगा कि रूही उसको बुला रही है। उसने आरव को बताया तो आरव बोला कि अगर रूही उसको बुलाती तो उन्हें भी तो सुनाई देता।
फिर उसे रूही की आवाज में सुनाई दिया, “वाह तुम्हें अकेले को बुला रही हूं और तुम हो की आरव को बता रहे हो।”
वह आवाज का पीछा करने लगा। सागर और आरव ने उसको आवाज दी पर उसने कोई जवाब नहीं दिया। इन्हें अंदाजा तो हो गया था कि यश जरूर किसी बड़ी मुसीबत की तरफ कदम बढ़ा रहा है।
कहानी जारी रहेगी…
ये क्या, कार फिर खराब हो गई। और ये यश किस जाल में फंसने जा रहा है? क्या यश को ये बचा पाएंगे? एक और बड़ा सवाल, रूही कहां है? बहुत से “रहस्य” आएंगे सामने। जानने के लिए इंतजार कीजिए अगले पार्ट का।
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