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रूही सागर और यश को इंस्ट्रक्शन देने के बाद चली जाती है। उसने उन्हें बताया था कि आरव उत्तर दिशा की तरफ बेहोश पड़ा है, वो जल्दी जाकर उसे ढूंढें।
अब आगे:
सागर और यश दोनों उत्तर की तरफ बढ़ने लगे। एक तो वे लोग थक चुके थे। ऊपर से गाड़ी भी नहीं रही और दोनों को प्यास भी खूब लग रही थी। आस पास देखने पर कहीं पानी मिलने की उम्मीद तो बिल्कुल नहीं लग रही थी। इसलिए दोनों ने आरव को ढूंढने पर फोकस करने का डिसीजन लिया।
वे दोनों बातें करते हुए उस सन्नाटे से भरे जंगल में चल रहे थे कि अचानक उन पर एक तेंदुआ झपटा। उस तेंदुए को देखकर दोनों के मुंह खुले के खुले रह गए। वे दोनों घबरा गए। एक बार तो वे साइड हटकर बच गए थे और तेंदुआ आगे निकल गया पर अब तेंदुआ उनकी तरफ देखकर झपटने की तैयारी कर रहा था। वह तेंदुआ यश की तरफ झपटा।
एक सेकंड भी नहीं लगा सागर को रिएक्ट करते। सागर ने अचानक एक जोर का मुक्का उसको दे मारा। वह तेंदुआ गुस्से भरी आंखें लिए सागर की तरफ देखने लगा की तभी यश ने उसको जोर से लात दे मारी। उनके हाथ, मुक्के, लातें यह सब कहां काफी थे, उस जंगली तेंदुए से लड़ने के लिए। उन दोनों ने ही मौका देखकर मोटे लकड़ी के टुकड़े जमीन से उठा लिए।
दोनों बारी बारी से उस तेंदुए को पीटने लगे। जब वह सागर की तरफ झपटने की कोशिश करता, यश उसे जोर से डंडे की दे मारता, और जब यश की ओर झपटने लगता तब सागर भी वैसा ही करता। यह सिलसिला कुछ ही देर चला था कि वह तेंदुआ घबरा गया और दुम दबाकर भाग गया।
“फाइनली, हम जीत गए।” यश बोला। “हां, रूही ने सही बोला था, अगर हिम्मत से काम लेंगे, तो सब मुसीबत का सामना हो जाएगा।” सागर बोला। और वो दोनों इसी तरह बातें करते आगे बढ़ते रहे। “पर रूही ने ऐसा क्यों कहा होगा कि वह हमारी कोई मदद नहीं कर पाएगी।” सागर बोलता है। “पता नहीं, शायद कसम की वजह से।” यश जवाब देते हुए कहता है। “नहीं, वजह कोई और है। वरना कार ब्लास्ट के टाइम वो हमारी मदद नहीं करती।”
जंगल में ही कहीं एक तांत्रिक मंत्र पढ़ रहा है। उसके पास तीन काले कोट पहने आस पास के सभी शहरों में सबसे बड़ा नाम रखने वाले बिजनेसमैन खड़े हैं। उनमें से एक बोलता है, “बाबा, क्या यह काम करेगा?” “मूर्ख, मेरी शक्तियों पर संदेह कर रहा है?” वह तांत्रिक जवाब देता है। “नहीं ऐसा नहीं है।” वह जवाब दे रहा होता है कि उनमें से दूसरा बोल पड़ता है, “कितना वक्त लगेगा?” “चार बज जायेंगे।” तांत्रिक जवाब देता है।
वह तांत्रिक एक मंत्र फूंकता है, तभी उसके सामने एक काला साया प्रकट हो जाता है। तांत्रिक बोलता है, “जाओ, जाकर देखो, मार्ग में कोई बाधा तो नहीं, यह मेरा आदेश है।” इतना सुनकर वह साया उधर से निकल पड़ता है और जंगल के हर हिस्से का मुआयना करने लगता है।
उधर सागर और यश, अपनी तरफ आने वाले हर खतरे से बेखबर, मस्ती में आरव की तरफ बढ़ रहे होते हैं। तांत्रिक के मंत्र पढ़ने के साथ साथ जंगल का मौसम भी गड़बड़ाने लगा था। जिसको आरव और यश भी महसूस कर सकते थे। अचानक जंगल में घने बादल आने लगे। बिजली तेज कड़क रही थी। “मौसम तो वापस कल की तरह होने लगा है।” सागर बोलता है। “कहीं हम फिर से किसी मुसीबत में तो नहीं पड़ जाएंगे न।” यश डर के मारे सागर से पूछता है। “रूही की बात याद है ना, हिम्मत रख।” सागर उसे तस्सली देता है।
उधर जैसे ही तांत्रिक अपना काम शुरू करता है, रूही की शक्तियां कमजोर होने लगती है। वह अपने आप को कमजोर महसूस करना शुरू कर देती है। उसे समझ आ जाता है कि अब उसका आखिरी वक्त है आरव को देखने का। वह आरव के पास खड़ी उसे बड़े ही प्यार से निहारने लगती है। बिल्कुल ऐसे जैसे दोनों किसी गहरी रिलेशनशिप में हो और आरव उसको डेट पर ले गया हो।
“बस सब ठीक हो जाए।” उन तीनों बिजनेसमैन में से एक बोलता है। यह था प्रदीप, जिसकी ना जाने कितनी वाइन शॉप्स थी और साथ ही साथ कई होटल का मालिक भी था। “हो जाएगा, पर पहले पंगा लेना जरूरी था?” दूसरा बोलता है। यह आयुष, रियल एस्टेट की दुनिया का बादशाह।
कहानी जारी रहेगी…
कहानी की परतें एक एक करके खुलती जा रही है। अगर एंजॉय करो, तो शेयर भी करना। और सोचो, आखिर माजरा क्या है? क्यों ये लोग रूही की आत्मा के पीछे पड़े हैं? कहीं इनके चक्कर में आरव, सागर या यश में से किसी को कोई नुकसान तो नहीं हो जायेगा? क्या रूही की बात मानकर सागर और यश कोई गलती तो नहीं कर रहे? सभी रहस्य का एक ही हल, आगे के चैप्टर का इंतजार।
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