अब तक आपने पढ़ा:
तांत्रिक उनको बताता है कि रूही की आत्मा को नियंत्रण में करने के लिए उसके किसी चाहने वाले की बलि देनी होगी। तो वहीं दूसरी तरफ रूही, आरव के केवल एक बार याद करने से ही उसके सामने आ जाती है।
अब आगे:
“मुझे खुशी है कि सब सही सलामत हैं। चलो अब बिना देर किए घर की तरफ चलते हैं।” आरव बोलता है।
“आरव, मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूं।” रूही बोलती है।
“हां, कहो ना!” आरव रूही की बात का जवाब देता है।
“दरअसल मैं इंसान नहीं हूं। मेरी मौत हो चुकी है।” रूही बोलती है। इस पर आरव जोर जोर से हंसने लगता है। कुछ देर हंसने के बाद वह अपनी हंसी कंट्रोल करते हुए बोलता है, “बहुत फनी था, चलें अब!”
रूही कुछ सोचकर अपना हाथ आगे करते हुए आरव से कहती है, “मेरा हाथ पकड़ो।” आरव उसकी तरफ घूरता है, और फिर बोलता है, “पर क्यों?” “पकड़ो ना!” रूही अपनी बात पर जोर देते हुए कहती है। इस पर आरव और ज्यादा सवाल ना करते हुए अपने हाथ को आगे बढ़ाकर रूही का हाथ पकड़ने लगता है। पर ये क्या, आरव रूही का हाथ पकड़ ही नहीं पाया। आरव फिर से कोशिश करता है, इस बार फिर से वह नाकाम, उसका हाथ रूही के हाथ के आर पार जा रहा था।
आरव को समझ आ गया रूही ने उसको हाथ पकड़ने के लिए क्यों कहा था। वह उसको यकीन दिलाना चाहती थी कि वह कोई मजाक नहीं कर रही। “क्या वाकई तुम..” आरव बोलते बोलते रुक गया। “हां” रूही जवाब देने लगती है “मैं भूत हूं। मेरा मकसद तुम लोगों को नुकसान पहुंचाने का बिल्कुल भी नहीं है। पर तुम अभी इस जंगल से नहीं जा सकते। तुम्हें मेरी मदद करनी होगी, उसके बाद ही तुम लोग यहां से जा सकोगे।”
“कैसी मदद?” आरव पूछता है। “पहले ही तुमने बहुत कन्फ्यूज करके रखा हुआ है। अब प्लीज पूरी डिटेल में बताना, और कन्फ्यूजन नहीं चाहिए।” सागर कहता है।
“अच्छा, तो सुनो, वैसे भी शायद इसके बाद तुमसे मुलाकात हो ही ना। प्रदीप, आयुष और राहुल, ये तीनों नाम तो तुम लोगों ने सुने ही होंगें।” “हां, ये तो बड़े बिजनेसमैन हैं ना..” यश बोलता है। रूही बात जारी रखते हुए बोलने लगती है, “हुआ कुछ यूं कि एक महीने पहले होम मिनिस्टर के बेटे का मर्डर हुआ था। उस रात प्रदीप, आयुष और राहुल तीनों उसके साथ थे। वे लोग किसी होटल में पार्टी कर रहे थे और सबने बहुत ड्रिंक कर ली थी। राहुल हथियार सप्लाई का काम करता है, और ये सिर्फ उसका काम ही नहीं शौंक भी है। उसके पास दो तीन बंदूक हमेशा रहती ही है। उस वक्त प्रदीप ने उससे बंदूक ले ली और नशे नशे में उससे वो बंदूक चल गई और गोली होम मिनिस्टर के बेटे को लगी।”
“ओह माय गॉड!” सागर थोड़ी तेज आवाज में बोला। “तुम कंटिन्यू करो।” आरव रूही की तरफ देखते हुए बोला। “जब उस रात गोली चली तो उन्होंने पूरा मामला सेट कर दिया। पुलिस से बचना तो उनके बाएं हाथ का खेल था। पर वहां एक वेटर अपने दोस्तों को दिखाने के लिए वीडियो शूट कर रहा था। और उस वीडियो में लाइव मर्डर शूट हो गया था। कुछ दिन तक मामला दबा रहा पर एक दिन उस वेटर ने उस वीडियो के बदले होम मिनिस्टर से दो करोड़ रुपए की डिमांड की। होम मिनिस्टर ने उसकी डिमांड मान ली थी और उसे वीडियो लेकर एक होटल में बुलाया। जब वह वहां गया तो होम मिनिस्टर की बजाय उसे वही तीनों बिजनेसमैन मिले। वह वहां से जान बचाकर भागने लगा। भागते भागते वह मुझसे टकरा गया और उसने मुझे पेनड्राइव देकर शॉर्ट में सब समझा दिया। तभी वो तीनों वहां आ गए और उसे पकड़कर घसीटते हुए ले गए। मुझे लगा था कि मैं बच गई पर क्राइम की दुनिया में उन शातिर लोगों के आगे मैं क्या ही हूं। मैं जैसे ही वहां से निकली एक कार मेरी कार का पीछा करने लगी। मैं इस जंगल के सुनसान रास्ते पर पहुंच गई तब उनमें से एक ने बाहर की तरफ बंदूक निकालते हुए मेरी कार का टायर पंचर कर दिया।”
रूही की बातें सुनते हुए यश की सांसे तेज चलने लगी। रूही यश की यह हालत देखकर वहां से चली गई।
कहानी जारी रहेगी…
उम्मीद है आप लोगों को यह कहानी जरूर पसंद आ रही होगी। कॉमेंट करके अपनी राय जरूर शेयर करें। और सोचिए, क्या होगा तांत्रिक की बलि का? रूही अचानक से कहां चली गई? क्या इन तीनों को भूतों से कोई बचा पाएगा? क्या ये तीनों रूही की मदद कर पाएंगे? रूही के साथ उन लोगों ने क्या किया था? कैसे उसका मरना उन तीनों पर इतना भारी पड़ गया कि उन्हें भी भूत बनना पड़ा? वे तीनों बिजनेसमैन आखिर कौनसा राज रूही से उगलवाना चाहते हैं? सब सवालों के जवाब मिलेंगे बस इंतजार कीजिए अगले चैप्टर का।
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