अब तक आपने पढ़ा:
रूही अपने साथ हुआ वाकिया बता रही थी कि यश सुनने मात्र से ही घबरा गया। यह देखकर रूही वहां से चली गई।
अब आगे:
रूही के जाते ही वे तीनों एक दूसरे की तरफ देखने लगे मानो मन ही मन पूछ रहे हों कि आखिर रूही बीच में कहां गायब हो गई। पर इसका जवाब तो सिर्फ रूही के ही पास था।
कुछ सेकंड ही हुए होंगे की तभी रूही उनके सामने वापस आ गई। उसके हाथ में पानी की बोतल थी। वह यश को बोतल पकड़ाते हुए बोली, “लो पानी पियो और आराम से सुनो। घबराने जैसा कुछ भी नहीं है, अब तो मैं मर भी चुकी हूं और तुम लोग भी तो इस सच को एक्सेप्ट कर चुके हो।” रूही की बात सुनकर तीनों की आँखें नम हो गई। पर जैसे तैसे उन्होनें अपने आप को संभाला।
रूही अपनी बात वापस बोलने लगी, “जब मेरी कार का टायर गोली लगने से पंचर हुआ तो मैं बहुत घबरा गई थी। मेरा कंट्रोल स्टेयरिंग पर से गड़बड़ा सा गया था। अब ये टायर पंचर की वजह से था या मेरी घबराहट की वजह से, मुझे नहीं पता। मेरी कार एक पेड़ से टकरा गई। क्योंकि वो लोग मेरी कार का पीछा कर रहे थे, इसलिए मेरी कार काफी स्पीड में थी। तेज स्पीड में टकराने की वजह से कार के इंजन से काला धुआं निकलने लगा और देखते ही देखते कार में आग लग गई। मुझे कुछ समझ नहीं आया कि मैं क्या करूं। बस जैसे तैसे वहां से निकलकर भागी।”
“फिर क्या हुआ?” आरव बोला।
“वहां से भागते भागते मैं इस जंगल के अंदर आती गई। उस वक्त भी मौसम खराब ही था। हल्की बूंदाबांदी के बीच मैं भाग रही थी। पर ये कोई फिल्म का सीन तो था नहीं कि मैं पैदल भागकर पीछा कर रही गाड़ी से बच जाती। इन गुंडों ने मेरा पीछा करते हुए मुझे गोली मार दी। एक के बाद एक, चार गोलियां मेरे शरीर में उतार दी। तब मुझे लगा जैसे मानो मेरा नया जन्म हुआ हो। कुछ क्षण भी नहीं लगे मुझे, उनका सफाया करते। मैनें उन तीनों को मार दिया। वो तीनों भी भूत बन गए।”
“पर तुम्हारी मौत तो एक्सीडेंट में हुई थी ना!” सागर बोला। “नहीं, सबको यही लगता है, पर यह सच नहीं है। मेरी कार जल गई थी और मेरे उसमें होने न होने का किसी को कुछ पता नहीं चला। सबने यह मान लिया कि मैं उसी कार एक्सीडेंट में मार चुकी हूं।” रूही ने समझाया।
“अच्छा, पर तुम हमसे क्या मदद चाहती हो?” आरव बोला।
“देखो, तुम्हें तीन काम करने है। पहला, उन लोगों को सजा दिलवाना। दूसरा, मुझे इस दुनिया से आजाद करवाना। और तीसरा, इस जंगल को उन भूतों से आजाद करवाना।” रूही बोली।
“ओके, हम तैयार हैं तुम्हारी मदद करने के लिए। पर हम यह करेंगे कैसे?” आरव बोला।
“डोंट वरी, मैं तुमको सब बताती हूं। यहां से नॉर्थ में करीब एक किलोमीटर दूर मेरी बॉडी पड़ी है। मेरे कपड़ों में कहीं वह पेनड्राइव छुपाया हुआ है। मैं नहीं चाहती कोई और मुझे हाथ लगाए, इसलिए आरव, तुम्हें वहां जाना है और वह पेनड्राइव लेना है। उसके बाद मेरी बॉडी को जला देना। मेरी बॉडी के जलने के साथ ही मैं इस दुनिया से आजाद हो जाऊंगी।”
“और उन भूतों का क्या करना है?” यश बोला। “सागर और तुम, दोनों इधर से पश्चिम दिशा में जाओगे। वहां तुम्हें उन तीनों भूतों की बॉडी मिलेगी। तुम्हें बस उन्हें या तो जला देना है या गढ़ा खोदकर दफना देना है। इस से वे इस दुनिया से हमेशा के लिए चले जाएंगे।” रूही ने समझाया।
“आरव, मुझे तुम पर पूरा भरोसा है। प्लीज जिस काम के लिए मैनें अपनी जान गवां दी, उसे अधूरा मत छोड़ना।” रूही आरव से कहती है। “तुम फिक्र मत करो, अब अगर इसके लिए मुझे अपनी जान भी देनी पड़े, तो भी मैं पीछे नहीं हटूंगा।” आरव के इस जवाब से रूही के चेहरे पर बड़ी ही प्यारी सी मुस्कान आ जाती है। जवाब में आरव भी मुस्कुरा देता है।
“अब तुम दोनों का फ्लर्ट करना हो गया हो तो चलें।” यश बोलता है। “हो सकता है रास्ते में बहुत सी प्रोब्लम्स आएंगी, पर बिना घबराए हिम्मत से काम लेना। अगर तुम लोग घबराओगे नहीं तो वे भूत ये कभी नहीं जान पाएंगे कि तुम कहां हो फिर क्यों न वो तुम्हारे पास ही हों। मैं तुम्हें प्रोटेक्ट कर रही हूं।” रूही तीनों से कहती है। “ऑल द बेस्ट।” रूही आरव से कहती है। “थैंक्स” आरव जवाब देता है। “कोई हमें भी बोल दो!” सागर बोलता है। रूही हंसते हुए बोलती है, “तुम दोनों को भी ऑल द बेस्ट।” और पल झपकते ही वहां से गायब हो जाती है।
कहानी जारी रहेगी…
दोस्तों क्या आरव, यश और सागर मिलकर मिशन पूरा कर पाएंगे। या तांत्रिक उन पर पड़ जायेगा भारी। क्या इनमें से किसी पर कोई मुसीबत तो नहीं आ जायेगी। बहुत से “रहस्य” हैं कहानी में और जवाब है अगले चैप्टर में। इंतजार कीजिए और अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कीजिए। अगर कहानी अच्छी लग रही हो तो “5 star” रेट भी कीजिए।
Please bookmark this “web novel” and stay tuned to read next part👍