कशिश आज खुद को ठगा सा महसूस कर रही थी।उसे लग रहा था कि उसकी किस्मत ही खराब है
“बुरे वक्त और बुरे लोग का जिन्दगी में आने से पहले पता नहीं चलता ये अचानक ही आ जाते हैं” ऋषि ने कशिश को हौसला देने के लिए कहा..
“पर ये सब मेरे साथ ही क्यों होता है”- कशिश ने मायुस होते हुए कहा
अरे! कशिश अंधेरी रात के बाद उजाले की किरण जरुर आती है तुम इस बुरे वक्त में हौसला बनाए रखो हर वक्त एक सा नहीं होता
कभी न कभी तुम्हारा समय जरूर आएगा जब तुम बस कभी हार मत मानना।हारे हुए का तो भगवान भी साथ नहीं देता है- ऋषि कशिश को किसी तरह खुश देखना चाहता था इसलिए वो हर वो बातें कशिश को बता रहा था जिससे कशिश को कुछ हौसला मिले
कुछ खराब जोक्स भी ऋषि ने कशिश को सुनाए कशिश जोक्स तो कम हंसी और ऋषि पर हंसने लगी और बोली अरे ये जोक्स तो मैंने बचपन में ही सुन लिए थे
पर जो भी हो कशिश को यु हंसता देख ऋषि खुश था
अचानक एक गली में ऋषि ने अपनी गाड़ी को मोड़ा गाड़ी को नयी गली में मुड़ता देख कशिश बोली ” ऋषि ये हम कहां जा रहे हैं ?
अरे तुम बैठी रहो कुछ सरप्राइज है
”सरप्राइज तुम अच्छे देते हो”– मुस्कुराते हुए कशिश ने कहा
बस तुम्हारी यही मुस्कुराहट और बढ़ाना चाहता हूं – ऋषि ने कशिश की और देखते हुए कहा
ऋषि की गाड़ी एक छोटे-से ढाबे के पास रुकी जिसमें एक बुढ़ी अम्मा बैठी थी
यहां के दही भल्ले एक बार खा लोगी तो अम्मा के हाथ की दिवानी हो जाओगी – ऋषि ने कशिश की तरफ़ का गेट खोलते हुए कहा
ऋषि यहां कई बार आता था इसलिए वो बुढ़ी अम्मा ऋषि को पहचानती थी
प्रणाम अम्मा जी दो प्लेट भल्ले बना दो-ऋषि ने सामने की टेबल पर बैठते हुए कहा
जीते रहो, खुश रहो बेटा – अम्मा ने प्यार से कहा और दही भल्ले तैयार करने लगी
ऋषि ने कशिश का हाथ पकड़ा और बोला – कशिश तुम बहुत समझदार और प्यारी लड़की हो तुम खुद पे भरोसा रखो और बाकी मैं भाई से बात करके इसका हल निकाल लुंगा
तुम बस हंसती रहा करो तुम उदास बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती हो हमेशा Positive सोच रखो कशिश में तुमसे बहुत प्यार करता हूं और मैं तुम्हें हमेशा खुश देखना चाहता हूं
तभी दही भल्ले बना कर अम्मा जी ने टेबल पर प्लेट में परोस दिया
अम्मा ने कशिश के बारे में पुछा तो ऋषि ने कहा अम्मा जी इसका नाम कशिश है और मैं इससे प्यार करता हूं और इसको ही अपनी जिंदगी बनाना चाहता हूं
अम्मा ने दोनों को आशीर्वाद दिया और कहा कि बेटा कशिश बहुत खूबसूरत और प्यारी है बिल्कुल तुम्हारे जैसी तुम्हारी तुम दोनों की जोड़ी खुब जमेगी
ऋषि और कशिश ने दही भल्ले खाएं
सच्ची ऋषि मेंने इतने जायकेदार दही भल्ले मेंने आज तक खाएं मजा आ गया
दोनों ने अम्मा से जाते हुए दुबारा आशीर्वाद लिया
अब दोनों चल पड़े थे
कशिश भी नयी स्फुर्ती और सकारात्मक ऊर्जा के साथ अपने सारे ग़म दुख भूलाकर ….