अब तक आपने पढ़ा:
अरुण को ब्लैकमेल करके अब्दुल्लाह ने उसे बॉम्ब पहुंचाने के लिए मना लिया था। अरुण को पूरी तरह समझा दिया गया कि उसे कब क्या और कैसे करना है और बॉम्ब का बैग उसे दे दिया।
अब आगे:
अब्दुल्लाह अरुण के साथ बाहर आया। “जाओ उस कार में बैठ जाओ, यहां से मेरे तीन आदमी तुम्हारे साथ जाएंगे।” अब्दुल्लाह बोला।
“अगर कार से गया तो मामा जी को शक हो जाएगा। टैक्सी से जाना ज्यादा ठीक रहेगा।” अरुण बोला।
“अच्छा ठीक है, टैक्सी से जाओ! पर मेरे आदमी तुम्हारे पीछे पीछे आएंगे। अगर कोई चालाकी करने की कोशिश की तो…” अब्दुल्लाह बोला और अपने एक आदमी को टैक्सी लाने के लिए भेज दिया।
“कोई चालाकी नहीं करूंगा। मुझे मेरा फोन तो दे दो, अगर कुछ जरूरत पड़ी तो…” अरुण ने कहा।
अब्दुल्लाह ने उसे फोन देते हुए कहा, “अब इस फोन पर जो भी कुछ चल रहा होगा, वो मुझे यहां पता चलता रहेगा। तो कोई गलती मत करना!”
अरुण बोला, “हां, ठीक है।”
अब्दुल्लाह ने अरुण को एक ब्लूटूथ देकर कान पर लगाने के लिए कहा और अरुण के नंबर पर फोन लगाते हुए बोला, “अगर फोन कटा तो मेरे आदमी तुम्हें गोली मार देंगे।”
अरुण बोला, “ओके” और इतने में टैक्सी भी आ गई। अरुण उसमें बैठ गया और चल दिया।
कुछ दूर चलने पर अचानक टैक्सी का टायर पंचर हो गया, “क्या हुआ भैया?”
“टायर पंचर हो गया।” टैक्सी वाला बोला।
“अच्छा, यहां तक का कितना हुआ?” अरुण जेब से वॉलेट निकालता हुआ बोला।
“भाड़ा उन भैया ने दे दिया था जो मुझे ले कर आए थे। ये लो बचे हुए रुपए।” टैक्सी वाला रुपए पकड़ाते हुए बोला।
इतने में अरुण के कान में आवाज़ आई, “क्या हो रहा है वहां?”
ये आवाज अरुण के फोन से जुड़े ब्लूटूथ में से अब्दुल्लाह की थी।
“टैक्सी का टायर पंचर हो गया। इसलिए टैक्सी बदल रहा हूं।” अरुण बोला।
“ठीक है, पर कोई चालाकी नहीं।” अब्दुल्लाह बोला
अरुण को वहां तुरंत ही दूसरी टैक्सी मिल गई। अरुण उसमें बैठकर चल दिया। कुछ मिनट बाद अरुण की टैक्सी कॉन्सर्ट की लोकेशन पर पहुंची। अरुण फोन में बोला, “मैं लोकेशन पर पहुंच चुका हूं।”
“दो मिनट रुको।” अब्दुल्लाह बोला और उसने अपने आदमियों में से एक को कार से उतरकर सिक्योरिटी देखने के लिए कहा।
कुछ मिनट बाद उस आदमी ने बताया सिक्योरिटी बहुत ज्यादा है। “कमिश्नर वहां है क्या?” अब्दुल्लाह बोला तो उस आदमी ने जवाब दिया, “हां”
अब्दुल्लाह ने अरुण को बोला, “अरुण! सिक्योरिटी बहुत ज्यादा है, संभलकर जाना। तुम्हारे मामा जी वहीं है।”
“ओके” कहकर अरुण चल दिया।
अरुण टैक्सी से उतरकर कॉन्सर्ट के वीआईपी गेट की तरफ बढ़ने लगा। गेट के पास उसे एक हवलदार ने रोक लिया और पूछा, “एंट्री पास है क्या?”
अरुण बोला, “नहीं, मुझे कमिश्नर से मिलना है।”
हवलदार बोला, “कमिश्नर साहब बिजी है, बाद में मिल लेना।”
इतने में अरुण के मामा जी ने अरुण को देखकर उस हवलदार को आवाज लगाई, “आने दो उसे।”
अरुण अपने मामा जी के पास चला गया और शुरू में सामान्य बातें हुई। फिर अरुण ने उनसे कहा, “मुझे भी ये कॉन्सर्ट देखना है, पर मेरे पास कोई एंट्री पास नहीं है।”
तो इस पर कमिश्नर बोले, “बस इतनी सी बात, रुको मैं तुम्हें अंदर ले चलता हूं।”
अरुण के मामा जी उसे बिना चैकिंग सीधे अंदर के गए और कहा कि कोई भी जरूरत हो तो फोन कर ले। अरुण के मामा जी अपनी ड्यूटी पर लग गए।
अरुण फोन पर बोला, “बैग रख कर निकल जाऊं?”
अब्दुल्लाह बोला, “अभी नहीं, मेरे कहने तक इंतजार करो।”
तभी अचानक कॉन्सर्ट के बाहर पुलिस में खलबली मच गई। एक हवलदार दौड़ता हुआ अचानक कमिश्नर के पास आया और बोला, “सर बाहर एक लावारिस बैग पड़ा है और यहां आस पास सबको पूछा किसी को उस बैग के बारे में कुछ नहीं पता।”
“चलो देखते हैं” कहकर अरुण के मामा जी इंक्वायरी करने चले गए।
अब्दुल्लाह अरुण से बोला, “अब बैग रखकर निकल जाओ।”
अरुण – पर अगर मामा जी ने पूछा कि इतनी जल्दी वापस क्यों जा रहा हूं, तो मैं क्या जवाब दूंगा?
अब्दुल्लाह – उसका इंतजाम मैनें कर दिया है। तुम बेफिक्र होकर निकल सकते हो।
अरुण – ठीक है।
अरुण बैग को अपनी कुर्सी के नीचे रखकर निकल गया। बाहर निकलते ही अरुण ने लोगों को बात करते सुना कि रोड़ पर कोई बॉम्ब रख गया है। पुलिस इंक्वायरी कर रही है। उसने फोन पर बोला, “जब बॉम्ब बाहर ही ब्लास्ट करना था तो मुझे अंदर क्यूं भेजा?”
अब्दुल्लाह बोला, “धीरे बोल कोई सुन लेगा और उसमें कोई बॉम्ब नहीं है, तुम उस तरफ मत जाना सीधे अपने रस्ते हो ले। बाहर वाला बैग सिर्फ तेरे मामा को बिजी करने के लिए था ताकि तू आराम से बाहर निकल सके। चल अब फोन भी रख दे, मैं तेरी वीडियो डिलीट कर रहा हूं।”
“ओके” कहकर अरुण ने फोन कर दिया।
उधर कॉन्सर्ट के बाहर पुलिस को पता लग गया कि बैग में बॉम्ब नहीं बल्कि कुछ कपड़े वगेरह थे और सब पुलिस वाले अपने अपने काम लग गए।
अंदर अब्दुल्लाह के दो आदमियों ने सीट के नीचे से बैग निकाला।
कहानी जारी रहेगी…
दोस्तों ये क्या कर दिया अरुण ने…. अब क्या होगा??? क्या अब्दुल्लाह ने सच में वीडियो डिलीट कर दी है? या वो वीडियो के जरिए अरुण से और भी काम करवाएगा? जानने के लिए पढ़िए अगला पार्ट।
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