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अरुण उसी क्लास में जाने वाला था जिसमें अभी अभी एक लड़के ने एक लड़की के साथ शरारत की थी।
अब आगे:
जैसे ही अरुण क्लासरूम के अंदर गया तो हैरान रह गया। उसे उसकी आंखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था। उसकी आंखों के सामने अमित खड़ा था, वही अमित जिसके साथ कॉलेज आने के लिए वह बहुत जिद्द कर रहा था। उसकी आंखों में खुशी के आंसू थे। वह बहुत कुछ बोलना चाह रहा था, पर इतना भावुक हो गया था कि उसके मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल रहा था।
“रोता ही रहेगा या गले से भी लगाएगा” अमित बोला।
अरुण अमित को गले लगाते हुए बोला, “अमित, तुम, तुम यहां कैसे?”
“क्यूं नहीं आना चाहिए था” अमित ने मस्ती करते हुए कहा।
“बहुत अच्छा किया जो तुम आए, पर तुमने बताया क्यूं नहीं की तुम्हारा एडमिशन हो गया है, बताते तो दोनों साथ में आते। और तुम मेरा फोन क्यूं नहीं उठा रहे थे?” अरुण बोला।
“हम तुम्हें सरप्राइज देना चाहते थे।” अमित बोला।
“हम?… और भी कोई साथ मिला हुआ है क्या?”
“हां”
“कौन”
“तुम्हारे पापा, और कौन।”
“क्या? मेरे पापा?”
“हां, और ये आइडिया भी उन्हीं का था।”
अरुण काफी हैरानी से अमित को देख रहा था।
“मैं पापा को फोन करके आता हूं।” अरुण बोला और फोन लगाते हुए बाहर चला गया।
“पापा आज आपने एक साथ दो दो सरप्राइज दिए, थैंक यू पापा।”
“क्या दो सरप्राइज?” राज ने हैरानी से पूछा।
“हां पापा, एक सुबह बाइक और अब अमित” अरुण ने जवाब दिया।
“ओह अच्छा!” राज बोले।
“पापा क्या बात है? आपकी आवाज से आप कुछ टेंशन में लग रहे हैं?” अरुण ने पूछा।
“कुछ नहीं बेटा” राज बोले।
“कुछ तो बात जरूर है पापा, बताइए ना।” अरुण बोला।
राज ने गम्भीरतापूर्वक बताया, “बेटा दरअसल जो बाइक सुबह तुम लेकर आए, वो मैंने नहीं खरीदी, ना ही मुझे पता है कि वो बाइक वहां किसने रखी। सुबह तुम बाइक देखकर इतने खुश थे कि मैं तुम्हें कुछ बोल भी नहीं सका। मेरा सरप्राइज सिर्फ यही था कि अमित का एडमिशन भी उसी कॉलेज में हो गया है।”
अरुण बोला, “पापा आपका ये वाला सरप्राइज मुझे ज्यादा अच्छा लगा, मुझे कोई बाइक वाइक नहीं चाहिए।”
राज बोले, “तुम घर आ जाओ, फिर सोचते हैं इस बाइक का क्या करना है। खयाल रखना और अच्छे से पढ़ाई करना।”
अरुण हैरान था कोई इतनी अच्छी बाइक ऐसे ही क्यूं छोड़कर चला जाएगा और वो भी अरुण का नाम उस पर लिख कर।
अरुण वापिस क्लासरूम में चला जाता है। वहां अमित के पास जाकर बैठ जाता है और अमित को पूरी कहानी सुनाता है, अमित भी हैरान रह जाता है कि कोई कैसे बाइक छोड़कर जा सकता है। क्लास शुरू हो जाती है, अरुण और अमित दोनों क्लास लगाते हैं।
कॉलेज के बाद अमित भी अरुण के साथ अरुण के घर पर जाता है।
“अरे अमित, तुम भी आए।” लक्ष्मी बोली।
“जी आंटी” अमित ने जवाब दिया।
“तुम दोनों हाथ मुंह धो लो, तब तक मैं नाश्ता बना देती हूं।” लक्ष्मी बोली।
“हां मम्मी” अरुण बोला।
नाश्ते के वक्त तक राज भी अपने काम से घर आ चुके थे। सब साथ में बैठकर नाश्ता कर रहे थे।
“पापा इस बाइक का क्या करना है।” अरुण बोला।
“वहीं खड़ी कर देते हैं, जहां से तुमने उठाई थी।” राज बोले।
“मुझे लगता है ये ठीक नहीं रहेगा।” अमित बोला।
“तो और कर भी क्या सकते हैं?” राज ने पूछा।
“मुझे लगता है हमें पुलिस के पास जाना चाहिए।” अरुण बोला।
“ये भी ठीक है, पर उन्हें समझाएंगे कैसे? उन्हें थोड़ा अजीब नहीं लगेगा।” राज ने पूछा।
बात अभी चल ही रही थी कि अरुण का फोन बजा।
“किसका फोन है?” राज ने पूछा।
“पता नहीं पापा, अनजान नंबर है।” अरुण बोला।
अरुण ने फोन उठाया।
फोन से आवाज आई, “हैलो!”
अरुण – जी कौन?
अनजान – तुम अरुण बोल रहे हो।
अरुण – हां अरुण ही हूं, पर आप कौन बोल रहे हैं?
अरुण को थोड़ा अजीब लग रहा था, फोन पर जो व्यक्ति बात कर रहा था, उसकी आवाज काफी भारी थी और बोलने का तरीका असामान्य। लिहाजा अरुण ने फोन स्पीकर पर रख लिया।
अनजान – मैं जो भी हूं उस से तुम्हारा कोई मतलब नहीं, बस ये बताने के लिए फोन किया है कि आज सुबह तुम्हें जो बाइक मिली थी, वो मेरी तरफ से तुम्हें गिफ्ट है। बस जरूरत पड़ने पर तुम मेरा एक छोटा सा काम कर देना और हां एक बात का ख्याल रखना, पुलिस को इनफॉर्म करने कि कोशिश की तो अच्छा नहीं होगा।
इतना कहकर फोन काट दिया।
राज ने अरुण से वापस फोन करने को कहा।
अरुण ने फोन लगाकर स्पीकर पर रख दिया।
उसी अनजान व्यक्ति ने फोन उठाया और बोला, “क्या है?”
“मैं अरुण का पापा बोल रहा हूं। हमें कोई बाइक नहीं चाहिए।” राज बोले।
फोन से आवाज आई, “हा हा हा, मूर्ख हो तुम, इतनी अच्छी डील को मना कैसे कर सकते हो। अच्छा ठीक है, नहीं चाहिए तो उसमें चाबी लगाकर घर के बाहर रख देना। रात में हमारा आदमी उठाकर ले जाएगा। चल अब फोन मत करना दोबारा।” कहकर फोन काट दिया।
राज ने सुरक्षा की दृष्टि से अरुण को एक रात के लिए अमित के साथ अमित के घर भेज दिया और बाइक ठीक उसी जगह रख दी जहां से अरुण ने उसे उठाया था।
कहानी जारी है…
क्या लगता है आपको कौन है ये व्यक्ति? अरुण से उसने क्या काम करवाना है? क्या वो अपनी बाइक वापस ले जाएगा?
कमेंट करके बताना। कहानी अच्छी लग रही हो तो 5 🌟 रेटिंग भी दे दो।
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