आज कशिश ने गहरी नींद ली उसको टाइम का पता ही नहीं चला । पर ये नींद काफी दिनों बाद सुकून भरी थी । कशिश की आंखे खुली तो सामने अर्जुन भैया थे। जो कि कशिश का सार सहला रहे थे । आज इतने दिनों बाद उन्होंने कशिश को चैन भरी नींद लेते देखा तो वो खुश थे ।
कशिश – भैया आप मेरे रूम मे इतना सुबह
अर्जुन – तुम्हे देखने आया था तुम उठी नहीं या नीचे नहीं आए देखा तो सो रही थी इसलिए यहां बैठ गया ।
कशिश मैं जानता हूं बहुत कुछ अचानक से हो गया ओर सब बदल गया पर तुम फिकर मत करो सब सही हो जाएगा । हम मिलकर पापा को ठीक कर देंगे । सब नॉर्मल हो जाएगा । ये कहने में ही अर्जुन की आंखे भर आती है ।कशिश कहती है भाई आप मत रोवो सब सही हो जाएगा ।
आप दुखी मत हो । कशिश ने हिम्मत देते हुए अर्जुन से कहा । अर्जुन – तुम सच मे एकदम ममा जैसे ही बात कर रही हो आज वो साथ होती तो proud कर रही होती । कशिश भी थोड़ा अपसेट हो गई थी पर भाई खुद उसके लिए breakfast बनाकर लाये थे देखकर कशिश खुश हो गई । और अर्जुन के साथ बाते करते करते दोपहर हो गई पता ही नहीं चला ।
अर्जुन रूम से गया तो कशिश ने अपना फोन चेक किया जिस पर ऋषि की 23 missed calls थी । कशिश ने तुरंत ऋषि को कॉल किया ।
ऋषि – कहा थी तुम मे पता है कब से कॉल कर रहा हूं
कशिश – सॉरी ऋषि वो मैं सो रही थी फोन साइलेंट था पता नहीं चला ।
ऋषि – ओह ओके सॉरी मुझे लगा तुम जानबुझ कर
कशिश – ऐसा कुछ नहीं है । तुम ज्यादा सोच ओर जल्दी सोच लेते हो ।
ऋषि – मुस्कुराते हुए
कशिश – अब बताओ क्या हो गया जो इतने calls किए ।
ऋषि – हां वही तो
मैने अपने दोनो की टिकिट बुक कर दी है कल की फ्लाइट है । तुमने भाई को बता दिया ।
कशिश – नहीं पर मैं मैनेज कर लूंगी
ऋषि – पर पर
फोन disconnect हो गया है । और ऋषि टेंशन ले रहा है कि कहीं ये फैसला गलत तो नहीं होगा । कहीं इन सबके कारण कशिश को नुक़सान ना पहुंच जाए । पर ठीक है जो होगा अच्छा होगा । ये सोचकर वो खुद को समझा रहा था ।
पैकिंग कर ली थी । और उधर कशिश अपने सामान पैक कर रही थी ।
और अर्जुन से बात करने के लिए उसने ऋषि को कह दिया था । ऋषि ने अर्जुन से बात की पहले तो अर्जुन ने मना कर दिया पर ये सोचकर हां कर दिया कि इसी बहाने कशिश का मन बहल जाएगा ।
पर सारी जिम्मेदारी ऋषि को दी ओर कशिश का ध्यान रखने को कहा । रात हो चुकी थी सुबह की फ्लाइट थी कशिश ने ऋषि को डायरेक्ट एयरपोर्ट पर पहुंचने को कहा अपना सामान पैक किया ओर अपने पापा के कमरे में जाकर बैठ गई ।
इतना बड़ा फैंसला लिया था जिसकी किसी को खबर नहीं थी। अपने इस फैंसले पर टिके रहने की हिम्मत सिर्फ अपने पापा को देखकर मिल रही थी ।
कुछ उदास चेहरे से अपने पापा को एक टूक देखती हुई कशिश ने अपने पापा से कहा । देखना पापा मै उस इंसान को ऐसे नहीं छोडूंगी जिसके कारण आज आपके ये हाल है । इतने में अर्जुन भी कमरे में आ गया । कशिश एकदम से डर गई की कहीं भाई ने सुना नहीं हो । अर्जुन हंसते हुए मुझे पता था आज तुम यही मिलोगी । देखो यही हो । हां भाई सोचा पापा से मिल लूं। अर्जुन ने कशिश से सोने को कहा क्यूंकि सुबह जाना भी था कशिश अपने पापा के गले लगकर अपने कमरे में चली गई ।
अर्जुन अभी भी वही था और अपने पापा को कहा पापा आप बेकार मे कशिश को नाजुक समझते थे आज उसमे जितनी हिम्मत दिखाई उसके कारण ही मे संभाल सका हूं खुद को ।
ऋषि के अलग ही कहानी चल रही थी वो खुश भी था कि कशिश उसके साथ होगी पर बार बार अर्जुन भैया की बाते भी उसके कानो मे गूंज रही थी ।