ऋषि ओर कशिश एयरपोर्ट पहुंच चुके थे ।
कशिश को ड्रॉप करने अर्जुन भाई आए थे । पर जरूरी काम से वो ऋषि से बिना मिले ही निकाल गए ।अभी फ्लाइट मे टाइम था तो ऋषि ओर कशिश इंतजार कर रहे थे ।
ऋषि – तुम पक्का हो ना तुम्हारे उस काम को लेकर
कशिश – तुम मत परेशान हो सब सही ही होगा
ऋषि – मुझे लगता है अभी भी तुम्हे एक बार घर पर सब बता देना चाहिए । अगर अर्जुन ने केस बन्द करवाया है तो जरूर कोई ना कोई कारण ही होगा ।
कशिश- तुम्हे साथ चलना है या नहीं
ऋषि – हां पर मैं तो ….
कशिश – हां तो बिना बहस किए साथ चलो । इतना सब नहीं पता आगे जो होगा देखा जायेगा ।
ऋषि परेशान था पर कशिश को अकेले नहीं जाने दे सकता था बस इसलिए वो उसका साथ दे रहा था
फ्लाइट का टाइम हो गया था दोनों जाकर सीट पर बैठ गए ।
15 घंटों का सफ़र था । कशिश window सीट पर थी । बैठे बैठे जाने क्या क्या सोच रही थी पास मे बैठा ऋषि उसको एक टक देख रहा था उसका भोलापन उसकी ज़िद्द सब कुछ सोच रहा था । कशिश को पता नहीं कब नींद आ गई ओर ऋषि के कंधो पर सो गई ।ऋषि भी उसको निहारते निहारते सो गया ।
कुछ घंटों की नींद के बाद ऋषि उठ गया ओर पास मे देखा तो कशिश अभी भी नींदों में थी । ये कुछ पल उसके लाइफ का खास पल थे ।उसने कभी किसी के लिए ऐसा फील नहीं किया था । इतना खास इतना प्यार जो सिर्फ कशिश के लिए था ।
अचानक कशिश की डर से आंखे खुल गई वो घबराई हुई थी । ऋषि देखकर समझ गया कि बीती बाते कितना असर कर चुकी है कशिश की ज़िन्दगी पर । उसने कशिश को पानी पिलाया और शांत होकर बैठ गया।
सफ़र ख़तम हुआ कशिश ओर ऋषि होटल में रुके रूम अलग अलग थे पर पास पास थे । दोनों ने साथ में लंच किया ओर सोने चले गए ।
कशिश ने पुलिस ऑफिसर से बात की उन्होंने 1 दिन बाद मिलने के लिए आने को कहा । कशिश थक कर सो गई थी उधर ऋषि कशिश के पास जाना चाहता था उससे बाते करना चाहता था पर ये करने की हिम्मत नहीं थी इसलिए जाकर सो गया । सुबह कशिश उठी ब्रेकफास्ट ऑर्डर किया और ऋषि को ऑफिसर से बात की और 1 दिन के बाद जाने की बात बताई ।
ऋषि खुश था उसको कशिश के साथ वक्त बिताने का मौका जो मिल गया था । कशिश ओर ऋषि घूमने चले गए । आस पास की अच्छी जगहों को घूमकर थक गए ओर शाम हो चुकी थी । दोनों थक कर पार्क में बैठ गए । ऋषि कशिश के लिए अलग ही एहसास फील कर रहा था वो कशिश को बताना चाहता था पर उससे पहले वो चाहता था कि ये सब ख़तम हो कशिश जो चाहती है वैसा जल्दी से हो जाए ओर वो इंडिया जाकर उसको सब बता देगा ।
और कशिश एकदम शांत थी चुप चाप सब कुछ निहार रही थी जैसे उसके दिमाग में पता नहीं कितना शांत सपना चल रहा है । ऋषि ने कशिश से कहा क्या हुआ ।
कशिश – पता है ऋषि ममा पापा जब भी थे में उनसे बहुत झगड़ती थी । क्यूंकि उनके बिना मन ही नहीं लगता था मेरा । और मां हमेशा बात करते थे मूजसे बात किए बिना उनको नींद तक नहीं आती थी । और सब बदल गया वो साथ ही नहीं है । कशिश एकदम सुकून से बोले जा रही थी ओर ऋषि चुप चाप सुन रह था । जब बाते ख़तम हुई कशिश ने होटल चलने को कहा । ऋषि भी उसके साथ चला गया । कशिश पूरी रात आने वाला दिन सोच रही थी ओर ऋषि सिर्फ कशिश के दिल में छुपा दर्द महसूस कर रहा था ।