तुझे पाया था उस रब से पहले
चाहा था खुद से भी पहले
फिर क्यों यह बिखरी दिल की लह़रें
जब पूछा रब से
तो पता चला
यह रिश्ते न थे इतने गहरे।
तु भी ज़रा इस दर्द को सहले
इसकी दुनिया में तू भी बहले
गन दिया जो तेरी वफा ने
इतना तो पता चला यह
रिशते न थे इतने गहरे।
जब जब तेरी यादों के पास गया
तेरे ही रूबरू मैं जिया
गुम गए सब यादों के गहरे
पता चला यह रिशते न थे इतने गहरे।
रोज देखते हैं अाँखे तेरी को
जिसमें मैं कभी होता नहीं
भूलना चाहूँ तेरी यादों को मैं
लेकिन अकसर मैं रोता वहीं
अकसर मैं रोता वहीं
अकसर सो जाते हैं यह तारें भी अासमान में
पर यह प्यार है कि सोता नहीं
अा गए थे हमेशा के लिए हम
तूने भी तो रोका नहीं
तूने भी तो रोका नहीं
प्यार बना हैं दुश्मन मेरा
क्यों यह तुझे भी होता नहीं
समझना हैं यह दिल सब कुछ
क्यों लफ्ज़ो पे यह होता नहीं
तु क्या जाने दो रंगों को जोड़ना
क्यों यह तुझसे होता नहीं
अा गए थे हमेशा के लिए
तुने भी तो रोका नहीं
तुने भी तो रोका नहीं।
अमन