अब तक आपने पढ़ा:
यश और सागर आरव की तरफ बढ़ रहे होते हैं तो वहीं एक तांत्रिक किसी भूत को जंगल का मुआयना करने भेज देता है। वहीं उस तांत्रिक की वजह से रूही की शक्तियां भी कमजोर पड़ने लगी थी। वहीं उस तांत्रिक को यहां बुलाने वाले आस पास के बड़े बिजनेसमैन थे जिनमें से दो थे, प्रदीप और आयुष।
अब आगे:
प्रदीप और आयुष बात कर रहे थे। पर तीसरा शख्स चुप खड़ा था, वह था राहुल। इन तीनों में सबसे ज्यादा पहुंच रखने वाला, आस पास के तीन राज्यों की सरकार इसी की मुट्ठी में रहती है। साथ ही अगर किसी को ड्रग्स या हथियार की जरूरत होती तो उस जरूरत को पूरा करना ही इसका पेशा था।
वे बातें कर ही रहे होते हैं कि अचानक वह भूत जो अभी अभी तांत्रिक ने भेजा था, तांत्रिक के सामने आ जाता है और उन सबकी आंखों के सामने जलकर भस्म हो जाता है। यह दृश्य देखकर सब दंग रह जाते हैं। तांत्रिक गुस्से में कई मंत्र फूंकने लगता है। और उस जंगल में से ही तीन आत्माओं को बुलाता है। “कौन कौन है यहां इस जंगल में?” तांत्रिक उनसे पूछता है। “वैसे तो हम कभी किसी को यहां आने भी नहीं देते। पर कल यहां तीन लड़के आए थे। और हम उन्हें भगा भी नहीं पाए क्योंकि उनके साथ कोई हमसे ज्यादा शक्तिशाली आत्मा थी।” वे तीनों अपनी बात खत्म करते हैं।
“उनके साथ रूही की आत्मा है, जिसे तुमने ही मारा था।” तांत्रिक बोलता है। बिना उनके जवाब का इंतजार किए वह आगे बोलता है, “अब मेरे मंत्रों की वजह से वह आत्मा कमजोर हो जायेगी। तुम जाकर उन तीनों को खत्म करो।” इतना सुनते ही वे भूत वहां से गायब हो जाते हैं।
वह तांत्रिक अपने मंत्रों को पढ़ने लगता है और तीनों बिजनेसमैन तांत्रिक की तरफ हैरानी से देख रहे होते हैं और सोच रहे होते हैं, “क्या, इन्होंने मारा, मतलब ये वही तीनों हैं।” तभी तांत्रिक उनकी शक्लें देख कर समझ जाता है और उनको बताता है, “असल में इन्हीं तीनों ने रूही को मारा था। ना कि उसका कोई एक्सीडेंट हुआ। तुम्हें जो भी खबर मिली, वह गलत थी। और फिर, रूही की आत्मा ने इन तीनों को मार दिया और अगर मैं नहीं बचाता तो अभी तीन दिन पहले तुम्हें भी मार देती।” “अच्छा, मुझे तो लगा था कि उन्होंने मुझसे रूही को मारने के पैसे लिए थे। इसलिए अब फोन नहीं उठा रहे हैं।” प्रदीप बोला।
उधर, यश और सागर तब तक आरव के पास पहुंच जाते हैं। दरअसल वह भूत जो तांत्रिक ने भेजा था, आरव के पास आ गया था। और रूही ने आरव की सुरक्षा का पूरा इंतजाम कर लिया था। उसकी ताकत को झेलना उस भूत के बस की बात नहीं थी। इसलिए वह जलकर भस्म हो गया। सागर और यश आरव को उठाते हैं, आरव धीरे धीरे अपनी आंखें खोलता है। आंखें खोलते हुए वह देखता है कि यश और सागर उसके पास खड़े हैं।
आरव उठकर अपनी नजरें इधर उधर घुमाते हुए पूछता है, “रूही.. रूही कहां है? अभी तो यहीं थी वो।” यश और सागर बड़े ही इमोशनल लहजे से बस उसे निहारे जा रहे थे। “मैं कुछ पूछ रहा हूं! तुम लोग मुझे ऐसे क्या देखे जा रहे हो?” आरव फिर से पूछता है। यश कुछ जवाब देने ही लगता है कि इतने में रूही उनके सामने आ जाती है।
प्रदीप अब भी कन्फ्यूजन में तांत्रिक को देखे जा रहा था, तभी राहुल बोलता है, “इतनी बड़ी बेवकूफी कैसे कर सकता है तू?” राहुल ने यह बात प्रदीप को देखते हुए कही थी। “रूही की आत्मा को कुछ होगा तो नहीं?” राहुल तांत्रिक की तरफ देखते हुए पूछता है। “क्या मतलब?” तांत्रिक प्रश्न भरी निगाहों से राहुल की तरफ देखता है। आयुष बात को समझते हुए बोलता है, “बाबा, उस आत्मा को वश में करना है, ना कि खत्म। हमें उससे कुछ राज उगलवाने है।” “यह असंभव है, उस लड़की की मौत जिस नक्षत्र में हुई है, वह बहुत शक्तिशाली है। उस आत्मा को बस में करना ही अपने आप में बहुत बड़ी बात है। उससे राज उगलवाना नामुमकिन है।” तांत्रिक जवाब देता है।
“क्या आपके लिए भी सब नामुमकिन ही है, जरा सोचिए, कोई तो रास्ता होगा।” राहुल फटाक से बोल पड़ता है। “हां, एक ही रास्ता है, उस आत्मा के किसी चाहने वाले की बलि।” तांत्रिक जवाब देता है। “क्या? इतनी जल्दी यह सब कैसे..” आयुष बोल रहा होता है तभी प्रदीप बात काटते हुए बोलता है, “क्या यह काम करेगा?”
कहानी जारी रहेगी…
दोस्तों कहानी बस खत्म होने को ही है। थोड़ा कॉमेंट शेयर भी करो। और तब तक सोचते रहिए, क्या आरव, यश और सागर जिंदा बच पाएंगे? क्या ये तीनों रूही की हेल्प कर पाएंगे? तांत्रिक और वो तीनों किसकी बलि देंगे? कहीं वो आरव तो नहीं होगा? सभी “रहस्य” पर से पर्दा उठेगा जल्द ही।
Please bookmark this “web novel” and stay tuned to read next part👍