अब तक आपने पढ़ा:
सिमरन और त्रिपाठी के प्लान के मुताबिक अरुण साइंस फेयर कॉम्पटीशन में पार्ट लेने के लिए अपना नाम नोट करवा देता है और उसके बाद अरुण के साथ बात करते हुए सिमरन को लगा कि त्रिपाठी ने उसको सीधा बोल दिया कि वह दिल्ली जा रहा है।
अब आगे:
सिमरन – क्या? तुम्हारा दिल्ली जाना फाइनल हो गया?
अरुण – हां, अब तुमने बोला है तो पक्का कुछ भी करके जाना ही पड़ेगा ना।
सिमरन – ओह ऐसा क्या!
अरुण – हां। ये अमित किधर है, तुम्हें कुछ पता है क्या?
सिमरन – नहीं यार। कहीं बिजी होगा, वरना अब तक तो वो तुमसे मिलने आ जाता।
अरुण – हां वो तो है। वैसे साइंस फेयर में प्रोजेक्ट की थीम क्या रखूं?
सिमरन – तुम सोचो, मैं भी सोचती हूं, कुछ आइडिया आया तो फोन करूंगी। अब मुझे देर हो रही है, मैं चलती हूं।
अरुण – हां ठीक है।
अरुण के दिन सिमरन के साथ ना जाने कब बीत गए। और चलते चलते 9 सितम्बर की रात आ गई और अरुण के प्रोजेक्ट की थीम अब तक तैयार नहीं थी। अरुण ने सिमरन को फोन किया और बोला, “सिमरन, कुछ आइडिया आया?”
सिमरन – नहीं अरुण, एक काम करो तुम सुबह अपना नाम वापस ले लो, इसके अलावा कोई चारा नहीं है।
अरुण – हां ठीक है, आई एम सॉरी सिमरन। मैं कुछ भी नहीं सोच पाया।
सिमरन – अरे कोई बात नहीं, इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है, तुमने कोशिश की ना, मेरे लिए वो ही बहुत है।
अरुण – हां, चलो गुड नाईट।
सिमरन – लव यू डियर, बाय।
सिमरन इतनी देर से डॉन के अड्डे में खड़ी बात कर रही थी। फोन रखते ही वो बोली, “अरुण के पास कोई प्रोजेक्ट आइडिया नहीं है। प्लान बी! प्रोफेसर, तुम अब कोई गलती मत करना, अगर कल सब सही हुआ तो परसों तुम्हें तुम्हारे काम की कीमत के साथ बोनस भी मिलेगा।”
प्रोफेसर – हां मैं पूरा ख्याल रखूंगा।
डॉन – सब कुछ सही सलामत होना चाहिए, बेस्ट ऑफ लक।
सिमरन – चलो अब कल मिलते हैं। त्रिपाठी तुम मुझे घर छोड़ दो।
प्रोफेसर – ओके।
अगले दिन अरुण मायूस सा होकर कॉलेज गया। कॉलेज में उसे सिमरन और अमित दोनों ही दिखाई नहीं दिए। वह चुपचाप प्रोफेसर त्रिपाठी के पास गया और बोला, “सर, मेरे पास कोई प्रोजेक्ट थीम नहीं है, प्लीज आप मेरा नाम निकाल दीजिए।”
प्रोफेसर – अरुण! इस बार घर से तैयार किए गए प्रोजेक्ट नहीं चलेंगे, इसलिए अपने कॉलेज से किसी स्टूडेंट ने साइंस फेयर के लिए अप्लाई नहीं किया है। तुम सेलेक्टेड हो, प्रोजेक्ट का मैं देख लूंगा, बस तुमको प्रोजेक्ट की डिटेल्स वहां जाकर याद करनी होगी और मुझे पूरा भरोसा है कि तुम वो कर लोगे।”
अरुण – सर आप कहीं मजाक तो नहीं कर रहे ना।
प्रोफेसर – नहीं अरुण, तुम बस अपने जाने की तैयारी करो बाकी प्रोजेक्ट वगेरह का मैं देख लूंगा।
अरुण – थैंक यू सो मच सर, आप बहुत अच्छे हो।
इतने में अचानक सिमरन आ गई और आते ही अरुण से बोली, “सॉरी अरुण, थोड़ा लेट हो गई आने में।”
अरुण – एक बहुत अच्छी खुशखबरी है।
सिमरन – क्या?
अरुण – मैं दिल्ली जा रहा हूं।
सिमरन – कैसे? मतलब कल तक तो कुछ भी तैयार नहीं था।
अरुण – प्रोफेसर की वजह से, थैंक यू सो मच सर।
सिमरन – थैंक्स सर, पर प्रोजेक्ट का क्या?
प्रोफेसर – वो सब मैं देख लूंगा।
सिमरन – सर क्या मैं भी चल सकती हूं? अरुण के बिना मेरा मन नहीं लगेगा।
प्रोफेसर – ओके, तो तुम दोनों 12 सितम्बर को सुबह 3 बजे कॉलेज पहुंच जाना यहां से एयरपोर्ट साथ में चलेंगे। फ्लाइट का टाइम 4 बजकर 20 मिनट का है। लेट मत करना।
सिमरन और अरुण – ओके सर।
इतने में अरुण का फोन बजा, देखा तो यह अमित का फोन था। अरुण फोन उठाते ही बोला, “अमित, कहां था अब तक, फोन क्यूं नहीं उठा रहा था।”
इतने में सिमरन अरुण से बोली, “फोन स्पीकर पर रखना प्लीज़।”
अरुण ने फोन स्पीकर पर रखा।
अमित – किसी काम से शहर से बाहर गया था और मेरा फोन खराब हो गया था।
अरुण – अच्छा, अब कहां हो?
अमित – कल रात तक वापस आ जाऊंगा।
अरुण – अच्छा मैं परसों सुबह दिल्ली के लिए निकल रहा हूं। तू मुझे विदा करने के लिए आना।
अमित – दिल्ली क्यूं?
अरुण – साइंस फेयर के लिए।
अमित – मैं भी साथ में चलूंगा।
सिमरन – अमित भैया, आप प्लीज अगली बार अरुण के साथ चले जाना, इस बार मैं और अरुण जा रहे हैं।
अरुण – हां यार, समझा कर ना, चल अब मैं फोन रखता हूं, परसों याद से आ जाना।
अमित – ओके, पर कितने बजे निकलना है ये तो बता दे।
अरुण – फ्लाइट सुबह 4 बजकर 20 मिनट पर है, अपने 3 बजे कॉलेज में मिलेंगे।
अमित ने फोन काटते ही ऑनलाइन दिल्ली की फ्लाइट की टिकट चेक की। 15 से पहले की सब फ्लाइट बुक थी। उसने फटाफट 12 तारीख की ट्रेन की टिकट बुक करवा ली। ट्रेन का टाइम सुबह 6 बजे का था, तो वह आराम से अरुण को विदा करके बाय ट्रेन जा सकता था।
उधर, प्रोफेसर, सिमरन और डॉन बहुत खुश थे।
डॉन – चलो सब काम अच्छे से हुआ।
सिमरन – अभी ज्यादा खुश मत हो, अभी भी काम पड़ा है।
डॉन – हां, उस ड्रग्स डीलर को दिल्ली भेज दिया है, वो वहां तुम्हारी मदद करेगा, होशियार रहना। मेरे बॉस भी तुमको गाइड करते रहेंगे।
कहानी जारी रहेगी…
ये सब क्या करने वाले हैं? क्या अमित कुछ कर पाएगा? कौन है इस डॉन का बॉस? जानने के लिए पढ़िए अगला पार्ट।
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