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अरुण सिमरन से मिला और उसके साथ काफी देर तक बातें की। क्लास में भी वह उसके बारे में ही सोचता रहा।
अब आगे:
अरुण का दिन सिमरन के बारे में सोचते सोचते निकल गया।
अगले दिन –
“कॉलेज के लिए तैयार हो गए बेटा।” राज ने पूछा।
“हां पापा, हो गया, बस चलता हूं।” अरुण ने जवाब दिया।
“बेटा नाश्ता तो करते जाओ।” लक्ष्मी बोली।
“नहीं मम्मी, अमित इंतजार कर रहा है।” अरुण ने जवाब दिया।
“बेटा मेरी बाइक ले जाओ।” राज बोले।
“फिर आप?” अरुण बोला।
“तुम मेरी फिक्र मत करो, मैं बस से चला जाऊंगा।” कहते हुए चाबी अरुण के हाथ में थमा दी।
अरुण राज को गले लगाते हुए बोला, “थैंक यू सो मच पापा” और कॉलेज के लिए निकल गया।
अरुण और अमित दोनों कॉलेज पहुंचे। कॉलेज के मेन गेट से ही अरुण की नजरें जैसे कुछ ढूंढ़ रही थी। अरुण का मन ठीक उसी तरह बेचैन हो रहा था जैसे एक छोटे बच्चे को उसका खिलौना ना मिलने पर होता है। अमित भी इस बात को शुरू से नोटिस कर रहा था।
“कहां खोए हो भाई।” अमित बोला।
“क..कह..कहीं न..नहीं।” अरुण चौंकते हुए बोला।
“अच्छा वो तो तुम्हारी आवाज़ से पता चल रहा है।” अमित बोला और खिलखिलाकर हंसने लगा।
“सिमरन को ढूंढ़ रहा था।” अरुण बोला।
“अच्छा मिलवाएगा नहीं अपनी नई दोस्त से।” अमित ताना मारते हुए बोला।
“अरे मिलने तो दे, फिर मिलवाता हूं।” अरुण बोला।
“अरे क्लास इस तरफ है, कहां जा रहा है?” अमित ने पूछा।
“अगली क्लास में सिमरन होगी, बस पांच मिनट में मिलकर आता हूं।” अरुण बोला।
“ओके, जल्दी आना।” बोलकर अमित क्लास के अंदर चला गया।
अरुण सिमरन को ढूंढने के लिए उसकी क्लास में गया, पर वो वहां नहीं थी। अरुण ने उसकी क्लास के आस पास भी ढूंढा, पर वो दिखाई नहीं दी। शायद आज कॉलेज नहीं आई, ये सोचकर अरुण अपनी क्लास में चला गया।
“क्या हुआ?” अमित ने पूछा।
“नहीं मिली, शायद आज कॉलेज नहीं आई।” अरुण बोला।
तभी एक क्लास का लड़का अरुण के पास आकर बोला, “तुम अरुण हो ना।”
“हां”
“तुम्हारे आने से पंद्रह मिनट पहले एक लड़की तुम्हें ढूंढ़ रही थी।” इतना बताकर वो लड़का वहां से चला गया।
“वो पक्का सिमरन होगी।” अरुण अमित से बोला।
“हो सकता है।” अमित ने जवाब दिया।
“मैं जाकर उसको ढूंढ़ता हूं।” अरुण बोला।
“पर अभी क्लास का टाइम हो गया।” अमित बोला।
“आज बंक कर लेता हूं।” कहकर अरुण वहां से चला गया।
अरुण सिमरन को कॉलेज में हर जगह ढूंढ़ता है, पर वो उसे दिखाई नहीं देती। उसका मन बहुत उदास होने लगता है। वह व्याकुल होकर कैंटीन में जाकर बैठ जाता है। कुछ देर बाद अचानक से कोई कोमल से हाथ उसे अपनी आंखों पर महसूस होते हैं। उसके मन में एक उम्मीद कि किरण जाग जाती है।
“सिमरन” अरुण बोला।
“अरे तुमने तो मुझे तुरंत ही पहचान लिया।” सिमरन आंखों पर से हाथ हटाती हुई बोली।
“कहां थी अब तक।” अरुण बोला।
“क्लास में।” सिमरन ने जवाब दिया।
“पर मैं तो तुम्हारी क्लास में आया था।”
“पता है मुझे, तब मैं स्टाफ रूम में थी।”
“स्टाफ रूम में? सब ठीक तो है ना।”
“हां सब ठीक है, वो प्रोफेसर त्रिपाठी को मुझसे कुछ काम था।”
“अच्छा ठीक है। कॉफी पिओगी।”
“जरूर”
दोनों साथ में कॉफी पीते हुए काफी देर बातें करते रहते हैं। कुछ देर बाद अचानक अरुण उदास सा हो गया।
“क्या हुआ?” सिमरन ने पूछा।
“कुछ नहीं” अरुण बोला।
“अरे बोलो भी ना, क्या तुम मुझे अपनी दोस्त नहीं समझते।” सिमरन अरुण का हाथ पकड़ते हुए बोली।
“ऐसी बात नहीं है, क्या तुम हमेशा मेरी दोस्त रहोगी?” अरुण बोला।
“बुद्धू इतनी सी बात को लेकर परेशान हो, हमेशा तुम्हारी दोस्त रहूंगी पक्का।” सिमरन बोली।
“थैंक यू सिमरन, यू आर सो स्वीट” अरुण बोला।
“पागल इसमें थैंक्स की क्या बात है। अच्छा अब मुझे चलना होगा।” सिमरन बोली।
“थोड़ी देर और रुक जाओ ना।” अरुण बोला।
“हम्म… तुम मेरा एक काम करोगे?” सिमरन बोली।
“जरूर, बोलो ना क्या करना है?” अरुण बोला।
सिमरन अपने पर्स में से एक पैकेट और एक पर्ची निकालते हुए बोली, “ये पैकेट इस पर्ची पर लिखे एड्रेस पर पहुंचा दोगे, प्लीज़।”
अरुण “ओके” बोला और पैकेट और पर्ची पकड़कर चल दिया।
अरुण उस पर्ची पर लिखे पते पर पहुंचा। एक पुराना सा घर, पर काफी अच्छी हालत में, गली में बिल्कुल भी चहल पहल नहीं, एक दो लोग वो भी काफी अजीब से लग रहे थे।
अरुण घर के अंदर गया। अंदर घुसते ही देखा गेट पर अंदर वाली तरफ दो हट्टे कट्टे आदमी खड़े थे। उनमें से एक ने अरुण की तरफ देखकर बोला, “ओए, क्या काम है इधर?”
तभी पीछे से एक आदमी अरुण के हाथ में पैकेट देखकर बोला, “जाने दो इस लड़के को अंदर।”
अरुण अब अंदर की तरफ जाता है, सामने दीवार पर अलग अलग तरह की बंदूकें टंगी हुई, एक आदमी कुर्सी पर बैठा था, कुर्सी के सामने दो कुर्सी और उनके बीच में एक मेज रखा हुआ था। साइड में दो तीन लोग बेसुध पड़े थे। ऐसा लग रहा था कि यहां कोई गैर कानूनी काम होता है।
कहानी जारी रहेगी…
क्या लगता है आपको क्या होगा आगे? क्या अरुण सही सलामत घर पहुंच पाएगा? सिमरन ने अरुण को क्यूं भेजा? सिमरन का इन सब से क्या लेना देना है? और इस पैकेट में क्या है?.. जानने के लिए अगला पार्ट जरूर पढ़ना।
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