कशिश ओर ऋषि के ये साथ बीते हुए लम्हे भोट खुशनुमा यादें बन चुकी थी ।
एक लम्बे सफर के बाद कशिश ओर ऋषि इंडिया वापिस आ चुके थे । कशिश को लेने अर्जुन भाई खुद आए थे उन्होंने ऋषि को भी घर ड्रॉप किया और कशिश को लेके घर पहुंचे ।
कशिश सीधा दौड़ती हुई पापा के कमरे में पहुंची ।
पापा अभी सो रहे है रिचा ने कहा कशिश ने धीरे से गेट बंद किया और रिचा को गले लगा लिया । अर्जुन कशिश से गुस्सा था पर कशिश को इतना खुश उसने कभी नही देखा था ।
इसलिए उसने कशिश पर गुस्सा नही किया और बाद में आराम से बात करने का फेसला लिया । रिचा को भी अर्जुन को शांत देखकर खुशी मिली वो भी समझ गई थी की वो कशिश को गुस्सा नही करना चाहता ।
कशिश अपने रूम में जाकर पूरा बैग खोलकर बैठ गई ।
जिसमे खूब सारे तोहफे थे । सबके लिए ।
सबसे पहले उसने रिचा को तोहफा दिया रिचा तोहफा देखकर बहुत खुश हुई । फिर अर्जुन भाई को उनका गिफ्ट दिया । अब वो पापा का गिफ्ट लेकर रूम में पहुंची । Mr अरोड़ा जाग रहे थे ।
कशिश को देखकर वो खुश हुए और कुछ बोलने की कोशिश कर रहे थे कर कशिश से आगे कुछ बोल नहीं पा रहे थे उनकी आंखे भर आई । कशिश भी उन्हें गले लगाकर खूब रोई । कुछ देर बाद कशिश का दिल हलका हो गया उसने पापा को तोहफा दिया । उसके पापा ने जैसे ही गिफ्ट खोला उसमे एक फ्रेम था जिसमे Mr अरोड़ा उनकी पत्नी कशिश ओर अर्जुन के कुछ खुशी के पल कैद थे ।
उन्हे देखकर Mr अरोड़ा ने कशिश को गले लगा लिया । ओर अटकते हुए शब्दों में कशिश को थैंक यू बेटा बोला ।
इसी बीच अर्जुन भी रूम में आ गया । उन्होंने पापा से आराम करने को कहा ओर कशिश को भी ज्यादा ना तंग करने को कहा
इस बात पर कशिश ने अर्जुन से बोला – क्या मतलब है तंग ना करू पापा है मेरे जो चाहे करू । और अर्जुन की टांग खींचने लगे
काफी टाइम बाद घर में सबके चेहरों पर खुशी छा गई ।
आज का डिनर अर्जुन ने खुद बनाया था सबने साथ में खाना खाया । रिचा भी सबके साथ खुश थी।
Mr अरोड़ा सोने को चले गए। रिचा अपने काम निपटाने चली गई । कशिश अपने कमरे में चली गई। कुछ देर बाद अर्जुन कशिश के कमरे में आया
कशिश बैठ गई । अर्जुन भाई बैठो ना
अर्जुन भी कशिश के बेड पर बैठ गया ।
अर्जुन– केसा रहा ट्रिप
कशिश – बहुत बढ़िया धीरे से कहा
अर्जुन – तुमने मुझसे भी छुपाया की तुम वहा क्यू जा रही हो
कशिश – भाई माफ कर दो मुझे पता था आप जाने नहीं दोगे और मेने केस क्लोजिंग वाली बात भी सुन ली थी ।
अर्जुन– कशिश वो मेरी भी मा थे मुझे भी उतनी ही तकलीफ है पर मैं नहीं चाहता की अब में और किसी को खो दू
प्लीज मेरी बात समझो
कशिश – एम सॉरी भाई मुझे आपसे बात करनी चाहये थी ।
आइंदा इस नहीं करूंगी ।
अर्जुन ने कशिश को थोड़ा समझाया ओर वो अपने कमरे में चला गया । उसकी बातो से ऐसा लग रहा था जैसे की वो कशिश से छुपा रहा था । कशिश उसी बातो पर गौर कर रही थी ।
इतने में उसका फोन रिंग हुआ ।
ऋषि का कॉल था ।
कशिश – हां ऋषि बोलो
ऋषि – I miss you
कशिश – क्या
ऋषि – कुछ नही बस सोच रहा था की इतने अच्छे दिन निकले थे न ये
कशिश – हां वो तो है
ऋषि – तुम बताओ क्या कर रही हो
कशिश – कुछ नही बस में भी इन्ही दिनों का सोच रही हूं
ऋषि ओर कशिश की बाते काफी देर चलती रही ।
रिचा ने अचानक दरवाजा खोला तो कशिश ने ऋषि से बाद में बात करने को कहकर कॉल कट कर दिया ।
रिचा – तुम ठीक हो ना
कशिश – हां मुझे क्या होगा
ओर रिचा कशिश से मस्ती करने लगी ।
ओर उसी मस्ती में दोनो सो चुकी थी ।