कशिश सुबह उठी और ऑफिस के लिए तैयार हुई उसने देखा कि अर्जुन ने सुबह का नाश्ता लगा दिया था कशिश में नाश्ता किया और मिस्टर अरोड़ा से मिलकर रिचा के साथ ऑफिस के लिए निकल गई
ऑफिस में वह काम में व्यस्त हो गई हो भी क्यों ना इतने दिनों से जो काम पेंडिंग पड़ा था!
कशिश फाइलों के ढेर के बीच बेठी फाइलों से डिजाइन सेलेक्ट कर रही थी क्योंकि उसे जल्द से जल्द अगला फोटोशॉट भी करना था
ऋषि भी हॉस्पिटल चला गया और अपने पेशेंट्स को देखने लगा परंतु ऋषि अभी भी बार-बार कशिश के साथ बिताए लोगों को याद कर रहा था वह सुनहरे पल जब कशिश और वह पार्क में खुले आसमान को निहार रहे थे
ऋषि को आसमान कशिश की तरह ही लग रहा था सुंदर और एकदम शांत!
किसी की हलचल से ऋषि और अपने सपनों से बाहर आया
थोड़ा मुस्कुराया
अरे!जग्गी तुम यहां कैसे” ऋषि ने आश्चर्य से देखते हुए पूछा
जग्गी ऋषि का बचपन का दोस्त था जग्गी ने बताया कि वह अपने चाचा को दिखाने के लिए अस्पताल आया है
जग्गी ने बताया कि वह पिछले 4-5 दिनों से लगातार हॉस्पिटल आ रहे हैं अपने चाचा को दिखाने पर तुम आज ही आए हो तो मैं तुमसे मिलने चला आया
ऋषि जग्गी का बचपन का दोस्त था तो ऋषि ने जगी को कशिश के बारे में बताया और साथ ही कशिश के बारे में चल रही अपनी उलझनों के बारे में भी बताया तो जग्गी के कहने पर ऋषि ने कशिश को लंच के लिए फोन मिलाया
“हेलो ऋषि”फोन उठाते हुए कशिश बोली
ऋषि-हाय कशिश कैसे हो कल रात के बाद वापस फोन ही नहीं किया?
कशिश (थोड़ी झिझकते हुए) बोली- अरे वो सुबह ऑफिस के लिए जल्दी आ गई और अब बहुत सारा काम था तो भूल गई!
ऋषि (थोड़ा शरमाते हुए)-तो आज लंच के लिए चलें ?
कशिश सॉरी यार आज बहुत काम है शायद टाइम नहीं निकाल पाऊंगी!
ऋषि- फिर कब ?
कशिश -शायद कल बाकी मैं ऑफिस से फ्री होकर तुम्हें बताती हूं
ऋषि ओके बोलते हुए फोन काट कर फिर से कशिश के ख्यालों में खो जाता है
और यह सोचने लग जाता है कि कल वह कशिश को लंच पर कैसे प्रपोज करेगा किहीं वह मना नहीं कर दें कशिश और उसकी दोस्ती और भरोसा कहीं वो खो ना दें
ऐसे हजार ख्याल ऋषि के मन के डर को बढ़ा रहे थे
इन सभी से निकलने के लिए ऋषि वापस अपने पेशेंट्स को देखने लग जाता है
शाम को डिनर करने के बाद ऋषि का फोन बज उठता है
वह कशिश का फोन था किसी झट-से फोन को उठाता है “हेलो कशिश” अपने मन की खुशी को छूपाकर बोलता है
ऋषि को कशिश अपने पूरे दिन के बारे में बताती हैं ऋषि भी कशिश को अपने दिन और पेशेंट्स के बारे में कशिश को बताता है
काफी देर बात करने के बाद ऋषि कशिश को अगले दिन के लंच के लिए पूछता है कशिश हां कहकर फोन काट देती है!
रिचा ऋषि और कशिश की सारी बातें सुन रही थी रिचा किशिश को छेड़ते हुए ऋषि और उसके बारे में पूछती हैं कशिश मुस्कुराकर कुछ नहीं बस यूं ही कह कर बात टाल देती है दोनों कुछ देर बतियाने के बाद सो जाती हैं